धनबाद, जागरण संवाददाता : श्रवणेन्दि्रयों से होते हुए सीधे हृदय की गहराइयों में पैठ जाने वाले सुरों से सजी सुरीली शाम, झूमर, ठुमरी, पूर्वी और कहरवा के साथ-साथ भजनों की गंगा में गोते तो कभी लोकगीत के धुन पर थिरकते कदम। परदेसी पिया से घर आने की फरियाद तो रिश्तों की कद्र का जज्बातों की जुबां से बयान। मौका था दैनिक जागरण की ओर से टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम शारदा सिन्हा सुर संध्या का। जहां पद्मश्री अवार्ड से नवाजी गई देश की लोकप्रिय गायिका शारदा सिन्हा ने कोयलांचल में भोजपुर की खुशबू बिखेर दी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ध्रुव नारायण उपाध्याय, उपायुक्त सुनील कुमार वर्णवाल, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमएम सिंह, बीसीसीएल के कार्मिक निदेशक पीई कच्छप, मुख्य प्रायोजक बेसिल इंटरनेशनल के जोनल हेड सुशांतो मुखर्जी, दैनिक जागरण परिवार के वरीय महाप्रबंधक विनोद कुमार दुबे, वरीय शेष पृष्ठ 19 पर
शारदा से सजी .. विज्ञापन प्रबंधक केके पांडेय, प्रसार प्रबंधक राधेश्याम प्रसाद आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके साथ ही मां सरस्वती, दैनिक जागरण के संस्थापक स्व. पूर्णचन्द्र गुप्त व पूर्व प्रधान संपादक स्व. नरेंद्र मोहन गुप्त की तस्वीर पर सभी गणमान्य अतिथियों ने पुष्प अर्पित किया। झरिया विधायक कुंती देवी, निरसा विधायक अरूप चटर्जी, सिंदरी विधायक फूलचंद मंडल, टुंडी विधायक मथुरा महतो, धनबाद की मेयर इंदु देवी समेत शहर के कई नामी-गिरामी हस्ती कार्यक्रम में शरीक हुए। डेढ़ दशक बाद कोयलांचल के लोगों से मिलने की बेकरारी को गायिका शारदा सिन्हा ने कुछ यूं बयां किया-तुझे उदास निगाहें सलाम करतीं हैं, शिकस्ता-ए-दिल की आहें सलाम करतीं हैं, जिन्हें नसीब नहीं है आप से मिलने का, तड़प-तड़प कर ये बाहें सलाम करती हैं..। मां दुर्गा की वंदना के साथ कार्यक्रम की पहली सीढ़ी तय हुई। प्रेमरस में डूबे लोकभजन को मीठी स्वरलहरी में पिरोकर पवनपुत्र की महिमा का बखान किया गया। फिर कबीर दास का लोकप्रिय भजन गाया। सुरीली शाम का खुमार तो इसके बाद ही सुरूर पर आया। गीत उजर बगुला बिना पिपरा न शोभे, कोयल बिन बगिया न शोभे राजा, भाई भतीजा बिन नैहरा न शोभे, देवर बिन अंगना न शोभे राजा.. की प्रस्तुति मन मोह गई। अमुवा-महुवा के झूले डलिया, तनि ताके न बलमवा हमार ओरिया गीत ने लोगों को थिरकने के लिए मजबूर कर दिया। ले चल पटना बाजार हो जिया न लागे राजा.. गीत पर श्रोताओं की तालियों कासाथ मिला। शाम गुजरने के संग ही फरमाइशें भी आने लगीं। फरमाइश पर ही अपनी सबसे चर्चित गीत पनिया के जहाज से पलटनिया बन अईहां पिया, लेले अईहां हो पिया सेंदूर बंगाल के.. की प्रस्तुति की। अब बारी थी सुपरहिट फिल्म मैने प्यार किया के चर्चित गीत कहे तोसे सजना तोहरी सजनियां, पग-पग लिए जाउं तोहरी बलइयां.. जब श्रोताओं ने सुना तो हर कोई इस गीत पर झूम उठा। भोले बाबा की वंदना का लेके शिव के मनाइब हो, शिव मानत नाहिं, भांग धतूरा कहां पाइब हो, शिव मानत नहीं.., छठ मइया की महिमा का बखान नदिया के तीरे-तीरे आईल हो छठ मइया सेवक तोहार, घाट सोहे परम मनोहर मैया तोरे वंदनवा. को अपने सुरों से सजा कर पेश किया। जगदम्बा घर में दियरा बार अइली हो, जगतारण घर में दियरा बाइर अइली हो.. भजन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम में दैनिक जागरण के साथ सहभागी बने रैमसन डेवलपर प्रा. लिमिटेड के निदेशक विनय सिंह, धनबाद कॉलेज आफ इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक अरविंद सिंह, ऑटो प्लानेट के निदेशक शालीग्राम तिवारी, ओम बिल्डर्स के निदेशक छोटन सिंह को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। बेसिल इंटरनेशनल के वरीय शाखा प्रबंधक आनंद मिश्रा मौजूद रहे। संजीवनी बिल्डकॉन ने भी सहभागिता निभाई। जागरण परिवार के अनिल त्रिपाठी, अजीत कुमार श्रीवास्तव आदि ने कार्यक्रम की सफलता में सक्रिय भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संचालन संजय चौधरी ने किया, जबकि मंच पर शारदा सिन्हा का परिचय प्रसिद्ध उद्घोषक केके श्रीवास्तव ने कराया
रंग संयोजन ठीक कर लीजिये ,पढ़ने में समस्या आ रही है ।
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
अपने ब्लाग का रूप ठीक करिए पढ़ा नहीं जा रहा है ।
ReplyDeleteशुभम
colours?
ReplyDeleteब्लाग जगत की दुनिया में आपका स्वागत है।
ReplyDeleteपढ़ा नहीं जा रहा है ।
ReplyDeleteब्लागजगत पर आपका स्वागत है ।
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