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Tuesday, November 17, 2009

अश्लीलता लोकगीत की आत्मा को मार देती है ! लोकगीतों में अश्लीलता अपनी ही मौलिकता का स्तार्विहीन बाजारीकरण है !






भोजपुरी गानों में अश्लीलता एवं द्विअर्थीपन के रोकथाम के लिए सिनेमा जगत की तरह एक भोजपुरी म्यूजिकसेंसर बोर्ड की स्थापना आवश्यक ही नहीं अनिवार्य भी है।
 नेटवर्क के सभी सदस्यों को मेरा नमस्कार।
शायद ये बात सुनने में थोड़ी अजीब लगती हो
पर यह एक आवश्यक कदम उठाना ज़रूरी सा लगता है, क्यूंकि आवाज़ तो बहूत दिनों से उठाई जा रही है परक्या सच में रोकथाम हो पाई? क्या हमारे समाज के भाई बंधुओं को, जो कि बाहर बसने चले गए हैं, शर्मसार हीरहना पड़ेगा? कोई भी हमारी संस्कृति और संगीत को मद्देनज़र रख अगर हमें आंकना चाहेगा, तो क्या सोचते हैंआप सब ? अगर गलती से उनके
कानों में द्विअर्थी गाने पड़ जाए तो हमारे  संगीत और उनके लिरिक्स को सुन कर क्या छवि बनेगी उनके मनमें? इसलिए एक ऐसा सुदृढ़ कदम उठाना ज़रूरी है कि किसी भी कैसेट या सीडी के रिलीज़ होने से पहले उसेएक सेंसर बोर्ड से गुज़रना पड़े ! जहाँ की चुनाव के आधार पर एक  पैनल बनाया जाए ,जो ये निश्चित और तयकरेंगे कि क्या सही और क्या ग़लत है! मुझमें ये जानने की उत्सुकता है कि हमारे भाई-बंधुओ का क्या विचार हैइस बारे में? यहाँ तक की रिकॉर्डिंग कंपनियों को भी सेंसर बोर्ड से रिलीज़ की अनुमति लेनी पड़े क्यूंकि हमअपनी संस्कृति को स्तरविहीन बाजारीकरण का शिकार क्यों होने दें ? ? ?
आप क्या सोचते हैं इस विषय पर ?  
मैं जानना चाहती हूँ |
आपकी,
शारदा सिन्हा


1 comment:

  1. pranaam !
    mai aapki baat se sahmat to hun par iski safalta ke bare memai bohot zyada nahi soch pata !
    kyuki gane walon aur sunne walon ka to ek rishta hai ...bechne aur khareedne walon jaisa... to khareeddar jo mangega bechne wala bhi wahi na bechega...akhir kisko achi nahi lagti hai lokpriyata...?
    sensor board ban jae to kya baat hai?
    par kya aaj ke gane wale rajnaitik star se apna kaam nahi nikalwa sakte?
    is cheez ki roktham ke liye to mere vichaar se logon ko apne aap me hi yah nichit karna hoga ki wo galat cheez sunna na pasand kare...!
    aapka yogdaan aitihasik hai aapne ek bohot badi imarat khadi ki hai...meri bhi yahi iksha hai ki aapke padchinnho par chal kar apni sanskriti ke liye kuch kar jaun
    charan sparsh
    apka mureed

    anshuman

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